सुकन्या समृद्धि खाता (S.S.A.)
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खाते का परिचय :
इस खाते को बालिका के नाम
से उसके अभिभावक या संरक्षक के द्धारा खोला जा सकता है। इस योजना के तहत बालिका की
उम्र 10 वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। एक बालिका के नाम से पूरे देश मे एक ही
खाता संचालित किया जा सकेगा। इस योजना के तहत केवल 2 बालिकाओं के खाते ही खोले जा
सकेंगें। तीसरी बालिका का खाता केवल इसी दशा में खुलेगा, जब 2 बेटियां एक साथ
जुड़वां पैदा हों। इसके लिए आपको डाकघर के समक्ष 2 बेटियों के एक साथ जुड़वां पैदा
होने का सार्टिफिकेट पेश करना होगा। यह खाता न्यूनतम 1000 रूपए की राशि से खोला
जाएगा और प्रत्येक वित्तीय वर्ष में इसमें न्यूनतम 1000 रूपए और अधिकतम एक लाख
पचास हजार रूपए जमा किए जा सकेंगें।
खाता कहां खोला जा सकता है ?
इस खाते को डाकघर (Post Office) में तथा निम्नलिखित
बैंकों में खोला जा सकता है।
1 * भारतीय स्टेट बैंक
2 * स्टेट बैंक ऑफ पटियाला
3 * स्टेट बैंक ऑफ
त्रावनकोर
4 * स्टेट बैंक ऑफ
हैदराबाद
5 * स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर
और जयपुर
6 * स्टेट बैंक ऑफ मैसूर
इन राष्ट्रीयकृत बैंकों
में भी SSA A/C खोले जा सकते हैं :
विजया बैंक, आईडीबीआई बैंक, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया, आंध्रा बैंक, इलाहाबाद बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, बैंक ऑफ इंडिया, कारपोरेशन बैंक, देना बैंक, इंडियन बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, सिंडिकेट बैंक, यूको बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कामर्स, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया।
निजी बैंक :
एक्सिस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक।
खाते का संचालन की विधि :
यदि बालिका की आयु 10 वर्ष
से कम है, तो खाते का संचालन उसके अभिभावक के द्धारा किया जाएगा। जब
बालिका की आयु 10 वर्ष से अधिक हो जाएगी, तब वह चाहे तो वह खुद भी
खाते को संचालित कर सकेगी। खाते से आंशिक अथवा पूर्णं निकासी के समय मिलने वाली
रकम पूरी तरह बालिका के ही नाम होगी।
यदि खाता संचालन के दौरान
बालिका की मृत्यू हो जाती है, तो संरक्षक अथवा अभिभावक
के द्धारा यह खाता बंद कर दिया जाएगा और राशि ब्याज सहित उसके संरक्षक/अभिभावक
को लौटा दी जाएगी।
ब्याज दर :
इस योजना के तहत खाते में
जमा राशि पर भारत सरकार की ओर से ब्याज दरों की घोषणा की जाएगी। 2014 – 15 के लिए
9.1% की दर तए की गई थी। जो अब 2015 – 16 में बढ़कर 9.2% वार्षिक हो गई है।
मैच्योरिटी के समय मिलने वाली राशि :
यदि किसी बच्ची के खाते
में आप 1000 रूपए प्रतिमाह जमा कर रहे हैं, तो 14 वर्ष तक यह रकम जमा
करने पर आपका कुल मूलधन 168000 रूपए हो जाएगा। इस रकम पर यदि 9.1% ब्याज की दर से यदि गणना
की जाए, तो आपकी मैच्योरिटी राशि 6,42,091 होगी।
अर्थदंड :
यदि आप सुकन्या समृद्धि
खाते में किसी वित्तीय वर्ष में न्यूनतम राशि जमा नहीं करते हैं, तो उस पर 50 रूपए
प्रतिवर्ष की दर से सरचार्ज यानि अर्थदंड लगा कर वसूल किया जाएगा।
रकम की निकासी :
इस खाते में रकम जमा करने
की अधिकतम अवधि 14 वर्ष है। पर आंशिक रकम निकासी की सुविधा बालिका के 18 साल पूरे
होने पर ही प्राप्त होगी। जोकि कुल राशि की केवल 50 फीसद ही होगी। बालिका जब 21
वर्ष की आयु पूरी कर लेगी, तब उसे संपूर्ण मैच्योरिटी राशि मिल जाएगी, जो उसकी पढ़ाई लिखाई अथवा
विवाह के काम आएगी।
टैक्स मे छूट :
SSA A/C के तहत खुलने वाले खातों
पर आयकर कानून की धारा 80 – जी के अनुसार छूट प्रदान की जाएगी, जिसमें निवेश राशि के साथ
साथ ब्याज और परिपक्वता पर मिलने वाली राशि पर भी टैक्स में छूट मिलती है। इस
तरह टैक्स छूट के नजरिए से यह योजना पीपीएफ के समान पर उससे अधिकर लाभप्रद है।
भ्रम :
सुकन्या समृद्धि खाते को
लेकर एक भ्रम भी है। जिसे डाकघरों में मौजूद कर्मचारी और ऐजेंट खूब हवा दे रहे
हैं। भ्रम यह है, कि लोगों को बताया जा रहा है कि किसी बच्ची का यदि खाता SSA A/C योजना के तहत खोला गया, तो बालिका अथवा उसके
अभिभावक को खाता पूरे 21 वर्ष संचालित करना होगा। जबकि ऐसा कुछ भी नहीं है।
बालिका की आयु 21 वर्ष होते ही खाता पूरी तरह परिपक्व हो जाएगा और बालिका को पूरी
रकम, लाभ के साथ प्राप्त होगी। वैसे भी यदि किसी बालिका का खाता 10 वर्ष की उम्र
में खाता खोला गया, तो भ्रम के अनुसार खाता 21 वर्ष में पूर्णं होगा। तब
बालिका की आयु 31 वर्ष होगी। जबकि लड़कियों के विवाह की सही उम्र 21 वर्ष ही है।
ऐसे में तो यह योजना पूरी तरह बकवास साबित होगी और इससे प्राप्त पैसा अधिक उम्र
की बालिकाओं के किसी काम नहीं आएगा।
इसलिए इसे लेकर बिल्कुल
भ्रम न पालें और सरकार द्धारा जारी सर्कुलर देखें। बालिका जैसे ही 21 वर्ष पूरे कर
लेगी। बालिका का खाता भी पूरी तरह मैच्योर हो जाएगा।
खाते को आकर्षक बनाकर अधिक
लाभ कैसे हासिल करें :
सुकन्या समृद्धि खाते को
आप चाहें तो अधिक आकर्षक और अधिक लाभ देने वाला खाता भी बना सकते हैं। कैसे...यह
मैं बताती हूं। इस खाते को डाकघर जैसे सरकारी संस्थानों के द्धारा RD अर्थाथ रिकवरिंग डिपॉजिट
खाते की तरह पेश किया जा रहा है। जबकि ऐसा कुछ नहीं है। सरकारी सर्कुलर में साफ
साफ लिखा है कि खाता धारक किसी वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 1000 रूपए और अधिकतम 1,50,000 रूपए तक जमा कर सकता
है। जिसका साफ मतलब यह है कि यह रिकवरिंग खाता नहीं है। इसलिए आप यदि 1000 रूपए की
राशि से खाता खोल रहे हैं, तो आप अगले महीने कुछ अतिरिक्त रूपए जैसे 500 एक हजार में
जोड़ कर जमा कर सकते हैं। मतलब खाता तो आपने एक हजार रूपए से खोला। पर अगले महीने
पांच सौ रूपए फालतू जेब में पड़े हैं, तो आपने अगले महीने डेढ़
हजार रूपए जमा कर दिए। यदि आप कुछ अतिरिक्त रूपए एक हजार में जोड़ कर जमा करेंगें
तो मैच्योरिटी के समय आपको बहुत बड़ी रकम हासिल होगी।
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